निर्भया गैंगरेप के चारों गुनहगारों की सोमवार को तीसरी बार फांसी टलने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि इस केस में दोषियों की सजा मे देरी यह ‘सरकार और सिस्टम की विफलता’ है।
केस के दौरान सभी सुनवाई में खुद मौजूद रहनेवाली 23 वर्षीय निर्भया की मां ने कहा वह तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक उनकी बेटी के साथ रेप और उसकी हत्या करनेवालों को फांसी नहीं हो जाती।
उन्होंने कहा- “सरकार को कोर्ट को यह जवाब देना होगा कि क्यों दोषियों की फांसी में देरी हो रही है।” उनका तरह से ये बातें उस वक्त कही गई जब सोमवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट की तरफ से तीसरी बार निर्भया के गुनहारों को फांसी टाल दी गई।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के जज धर्मेंद्र राणा ने सोमवार (2 मार्च) को निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के चारों दोषियों की मौत की सजा पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी। अदालत ने कहा कि ऐसे में जब दोषी
पवन कुमार गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है, फांसी नहीं दी जा सकती। सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुधारात्मक याचिका (क्यूरेटिव पिटीशन) खारिज होने के बाद पवन ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि पवन की दया याचिका उन्हें मिल गई है। अब मंत्रालय यह याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजेगा और वह इस पर विचार करेंगे तथा फैसला लेंगे।
दक्षिण दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक चलती बस में 23 वर्षीय छात्रा 'निर्भया से सामूहिक बलात्कार और उसपर बर्बर हमला हुआ था। निर्भया की 29 दिसंबर को उसी साल सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गई थी। मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह, पवन गुप्ता, राम सिंह और एक किशोर को इस मामले में दोषी पाया गया था। राष्ट्रपति मुकेश, विनय और अक्षय की दया याचिका अस्वीकार कर चुके हैं। राम सिंह ने जेल में आत्महत्या कर ली थी और किशोर को सजा पूरी करने के बाद रिहा कर दिया गया था।
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