पूर्वी लद्दाख के गलवान में चीन की सेना के करीब 2 किलोमीटर पीछे हटने की खबर है। इस बीच, समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीनी सेना के पीछे हटने से एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से रविवार को वीडियो कॉल पर बात की।
एएनआई ने कहा कि दोनों के बीच बातचीत सौहार्दपूर्ण आगे के कदमों को लेकर हुई। इस बातचीत के दौरान एनएसए अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी का पूरा फोकस शांति और अमन की बहाली सुनिश्चित करना और भविष्य में ऐसी घटना न हो इसके लिए साथ मिलकर काम करने पर था।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, ''चीन और भारत के सैनिकों में 30 जून को कमांडर स्तर की बातचीत हुई। दो दौर की वार्ता में बनी सहमित पर दोनों पक्ष अमल कर रहे हैं।'' उनसे भारतीय मीडिया में आई उन खबरों पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी, जिनमें कहा गया है कि चीनी सैनिक पीछे हटे हैं।
[removed]The focus of the conversation between NSA Ajit Doval & Chinese FM Wang Yi was the full and enduring restoration of peace and tranquillity and to work together to avoid such incidents in future: Sources https://t.co/pPhvCqGEwh
— ANI (@ANI) July 6, 2020
झाओ ने कहा, ''अग्रिम पंक्ति की सेनाओं में प्रगति हुई है, तनातनी और तनाव कम करने के लिए प्रभावी कमद उठाए जा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष चीन की ओर बढ़ेगा और ठोस कार्रवाई के माध्यम से आम सहमति को लागू करेगा और सीमा क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर संवाद कायम रखेगा।'' चीन की यह प्रतिक्रिया भारतीय मीडिया में आई उन खबरों के कुछ ही घंटों
के भीतर आई है, जिनमें कहा गया है कि चीनी सैनिक गलवान घाटी में झड़प वाले स्थान से 1.5 किलोमीटर पीछे चले गए हैं।
गौरतलब है कि 15 जून की घटना के बाद चाइनीज पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक उस स्थान से इधर आ गए थे जो भारत के मुताबिक एलएसी है। भारत ने भी अपनी मौजूदगी को उसी अनुपात में बढ़ाते हुए बंकर और अस्थायी ढांजे तैयार कर लिए थे। दोनों सेनाएं आंखों में आंखें डाले खड़ी थीं।
कमांडर स्तर की बातचीत में 30 जून को बनी सहमति के मुताबिक चीनी सैनिक पीछे हटे या नहीं, इसको लेकर रविवार को एक सर्वे किया गया। अधिकारी ने बताया, ''चीनी सैनिक हिंसक झड़प वाले स्थान से दो किमी पीछे हट गए हैं। अस्थायी ढांचे दोनों पक्ष हटा रहे हैं।'' उन्होंने बताया कि बदलवा को जांचने के लिए फिजिकल वेरीफिकेशन भी किया गया है।
दोनों देशों की सेनाओं के बीच लद्दाख में एलएसी पर करीब दो महीने से टकराव के हालात बने हुए हैं। छह जून को हालांकि दोनों सेनाओं में पीछे हटने पर सहमति बन गई थी लेकिन चीन उसका क्रियान्वयन नहीं कर रहा है। इसके चलते 15 जून को दोनों सेनाओं के बीच खूनी झड़प भी हो चुकी है। इसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बात हुई है तथा 22 जून को सैन्य कमांडरों ने भी मैराथन बैठक की।
15 जून की घटना के बाद से भारत ने 3,488 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपने विशेष युद्ध बलों को तैनात किया है, जो कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के पश्चिमी, मध्य या पूर्वी सेक्टरों में किसी भी प्रकार के हमले से जूझ सकते हैं। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि भारतीय सेना को पीएलए द्वारा सीमा पार से किसी भी हरकत का आक्रामकता से एलएसी पर जवाब देने का निर्देश दिया है।
[removed]Copyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments