नाग पंचमी के दिन इन आठ नाग देवताओं की होती है पूजा

पुलिस ने लेवी मांगनेवाले दो अपराधियों को हथियार सहित दबोचा Karauli : श्री महावीर जी में भगवान जिनेन्द्र की निकली रथ यात्रा पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बीच स्थित नहरों का जंक्शन है खास 29 को कल्पना सोरेन गांडेय से करेगी नामांकन बीजापुर के आराध्य देव चिकटराज मेले का हुआ समापन उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन लगातार जारी कांग्रेस प्रत्याशी ने किया नामांकन फॉर्म जमा - झाबुआ रामपुर पहुंचे संजय सिंह, कहा- इंडिया गठबंधन की बनेगी सरकार दंतेवाड़ा 18 नक्सली सरेंडर हमीरपुर में मतदान बढ़ाने का लिया गया संकल्प मऊ में मतदान के लिए दिलाई गई शपथ गर्मियों में बढ़ गई है गैस और अपच की समस्या Dream Girl 3 में अनन्या पांडे नहीं सारा अली खान नजर आएगी Liquor Shop Closed: नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में आज से 26 अप्रैल तक बंद रहेंगे ठेके PM-चुनावी दौरा-प्रदेश मतदाता जागरूकता-प्रदेश पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे यात्रियों को किफायती मूल्य पर भोजन उपलब्ध कराएगा आज का राशिफल पीलीभीत में सड़क सुरक्षा जागरूकता को स्कूलों में दिलाई गई शपथ चुनाव प्रचार समाप्त

नाग पंचमी के दिन इन आठ नाग देवताओं की होती है पूजा

Gauri Manjeet Singh 25-07-2020 11:20:57

नाग पंचमी का पर्व सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह तिथि 25 जुलाई को पड़ रही है। इसलिए नाग पंचमी पर्व इस माह की 25 तारीख को मनाया जाएगा। हिन्दू धर्म में पशु-पक्षियों को पूजने का विधान है। नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है। महाभारत में नागों की उत्पत्ति का वर्णन मिलता है। हिंदू धर्म में नागों को भी देवता माना गया है। महाभारत आदि ग्रंथों में नागों की उत्पत्ति के बारे में बताया गया है। नागपंचमी के दिन आठ नागों की पूजा होती है। इनमें अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीक, कर्कट और शंख हैं।

अनंत (शेषनाग) और वासुकि नाग

अनंत (शेषनाग)

भगवान विष्णु के सेवक शेषनाग के सहस्र फन पर धरती टिकी हुई है। ब्रह्मा के वरदान से ये पाताल लोक के राजा हैं। रामायण काल में लक्ष्मण शेषनाग के अवतार थे और महाभारत काल में बलराम शेषनाग के अंश थे।


वासुकि

भगवान शिव के सेवक वासुकि हैं। समुद्र मंथन के दौरान मंदराचल पर्वत को मथनी तथा वासुकि को ही रस्सी बनाया गया था। महाभारत काल में उन्होंने विष से भीम को बचाया था।

पद्म और महापद्म 

पद्म

पदम नागों का गोमती
नदी के पास के नेमिश नामक क्षेत्र पर शासन था। बाद में ये मणिपुर में बस गए थे। कहते हैं असम में नागवंशी इन्हीं के वंशज हैं।


महापद्म 

विष्णुपुराण में सर्प के विभिन्न कुलों में महाद्म का नाम आया है। 

तक्षक और कुलिक नाग

तक्षक नाग

तक्षक नाग का वर्णन महाभारत में मिलता है। तक्षक पाताल में निवास करने वाले आठ नागों में से एक है। यह माता कद्रू के गर्भ से उत्पन्न हुआ था तथा इसके पिता कश्यप ऋषि थे। तक्षक 'कोशवश' वर्ग का था। यह काद्रवेय नाग है। माना जाता है कि तक्षक  का राज तक्षशिला में था। 


कुलिक

कुलिक नाग जाति में ब्राह्मण कुल की मानी जाती है। कुलिक नाग का संबंध ब्रह्मा जी से भी माना जाता है।

कर्कट और शंख नाग

कर्कट नाग

कर्कट शिव के एक गण हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सर्पों की मां कद्रू ने जब नागों को सर्प यज्ञ में भस्म होने का श्राप दिया तब भयभीत होकर कंबल नाग ब्रह्माजी के लोक में, शंखचूड़ मणिपुर राज्य में, कालिया नाग यमुना में, धृतराष्ट्र नाग प्रयाग में, एलापत्र ब्रह्मलोक में और अन्य कुरुक्षेत्र में तप करने चले गए। 


शंख

नागों के आठ कुलों में शंख एक हैं। शंख नाग जातियों में सबसे बुद्धिमान है।

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :