दीपक शंकर अग्रवाल ठीक वैसे ही जमीन की भाषा और मालिक की मानसिकता के आधार पर यह समझ जाते हैं कि यह माटी उस मालिक के हिसाब से कैसे काम करेगी ठीक वैसे ही जैसे ही कपड़े को देखकर कोई फैशन डिजाइनर यह बता देता है कि किस शख्सियत के ऊपर कौन से तरीके का कपड़ा या परिधान अच्छा लगेगा यह बात सिर्फ अच्छे बुरे की नहीं है यह अपने आप में एक अलग ही कला है दीपक शंकर अग्रवाल की माने तो यह माटी की भाषा को समझने की ऐसी विधा है जो ना तो वास्तु शास्त्र है ना कोई और प्रकार की ज्योतिष विद्या बल्कि यह तो एक ऐसा अनूठा साइंटिफिक
प्रयोग है जो जमीन की संरचना के आधार पर और उस जमीन के मालिक की अपनी कल्पना के आधार पर उपयोग को देखते हुए उसका सटीक आकलन करना है।
आज अगर दीपक शंकर अग्रवाल की माने तो इस विधा से आप यह पता लगा सकते हैं कि किस घर में पति पत्नी में कलह होगी और कहां प्रेम का वास होगा बल्कि यह भी अंदाजा लगाना आसान होगा यह माटी किस तरीके के व्यापार और कैसा व्यवहार उस मालिक के लिए फायदे का बनाएगी। है ना मजेदार बात अगर आपको पहले से यह पता है कि यह माटी आपके लिए किस तरीके का काम कर सकती है तो आपकी सारी उंगलियां घी में होंगी ।
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