आम आदमी पार्टी ने सबसे पहले लखनवी अंदाज में पहले "आप " के हिसाब से सत्तर सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया और साथ में कुछ टिकटों से अपने उम्मीदवारों को तड़ी पार करते हुए कुछ नए चेहरे उतारे तो कुछ पर खरीद फरोख्त के आरोप वाले दल बदलू उम्मीदवार। कुछ जगह अपने जीते हुए विधायकों पर पूरा भरोषा दिखाते हुए उन्ही को मैदान में उतारा गया ऐसा ही कुछ जंगपुरा सीट पर भी रहा जहां प्रवीण कुमार ने अपनी टिकट बचाते हुए फिर से आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनावी मैदान में शिकस्त देने की मंशा के साथ एंट्री की है। प्रवीण कुमार के बारे में जनता का यह जुमला कि सारे पैसे तो शादी और फ्लैट में उड़ा दिए आजकल चर्चा का विषय है और दूसरी और सरदार सबका यार वाला नारा लिए तरविंदर मारवाह की कांग्रेस से चुनाव लड़ने की खबर ने क्षेत्र में दुसरा माहौल बना दिया है कुल मुलाकर ऐसा माना जा रहा है की इस बार तरविंदर मारवाह पूरी मुस्तैदी से चुनाव की लड़ाई लड़ेंगे क्योकि अब
ना तो माहौल है पहले जैसा ना आबो हवा। जहां एक और भाजपा और आम आदमी पार्टी लोगो को कभी निर्भया के खेल में तो कभी रजिस्ट्री के खेल में उलझाकर चुनाव लड़ने की फिराक में है तो वही दुसरी और तरविंदर मारवाह अपने काम और हर घर सरदार की अपनी सीधी पहुँच जो कि उनके द्वारा सबके काम के हिसाब से बनी है को लेकर जनता के बीच में है और शायद जंगपुरा की जनता का यह नारा कि मारवाह तो सबका यार है सबको भा रहा है। कुल मिलाकर अभी लड़ाई मारवाह और आम आदमी पार्टी के बीच की दिख रही है और खराब सीवरेज और पानी के जमाव ने प्रवीण कुमार के किये कराये पर पानी फेरने का काम किया है अब देखना यह है कि भाजपा का कौन सा चेहरा मैदान में है क्योकि उसके आने के बाद प्रवीण कुमार के वोटरों का कटान और बिखराव तय हो पायेगा जो कही ना कही मारवाह को मजबूत करेगा और क्या पता आम आदमी पार्टी की नींव को कमजोर यह बूढ़ा कोंग्रेसी सरदार दे।
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