अपनी व्यस्त दिनचर्या के चलते हम खुद का ध्यान नहीं रख पाते हैं। जिसके चलते जो मिल गया वही खा लेते हैं। खासकर हमारा जोर फास्ट फूड पर ज्यादा रहता है। क्योंकि जहां ये पेट की भूख को शांत करता है, वहीं जीभ को भी टेस्ट मिल जाता है। जंक फूड के कई नुकसान भी होते हैं और ये बहुत अनहेल्दी होता है। हेल्दी खाने की अपेक्षा इसे खाने से कई नुकसान होते हैं।
लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जब आप जंक फूड छोड़ने के बारे में सोचते हैं तो आपको बिलकुल वैसा ही फील होता है, जैसे कि आप सिगरेट वगैरह से दूरी बना रहे हों।
जर्नल एपेटाइट में प्रकाशित एक रिपोर्ट में पाया गया कि जब आप हाइली प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाते हैं, तो वही मनोवैज्ञानिक और शारीरिक लक्षण (Effects) जैसे मूड का बदलना, किसी चीज के लिए ललक, चिंता करना, सिरदर्द और नींद कम आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, जो अकसर सिगरेट छोड़ने पर दिखाई देते हैं। शोध में यह भी पाया गया कि जंक फूड को कम करने के 2 से 5 दिनों के बीच लक्षण सबसे अधिक तीव्र थे।
क्या है प्रोसेस्ड फूड
प्रोसेस फूड वह होते हैं जिन्हें लंबे समय तक खाने के लिए संरक्षित किया जाता है। इसमें फ्लेवर्स व रंगों का इस्तेमाल किया जाता है, जो स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं।
क्या पड़ते हैं प्रभाव ?
1. सोचने की क्षमता पर प्रभाव
प्रोसेस्ड फूड में पोष्टिक तत्व न के बराबर होते हैं। और जब शरीर को जरूरी न्यूट्रिएंट्स नहीं मिल पाते, तो शरीर सोचने समझने की क्षमता खोने लगता है।
2. एलर्जी का खतरा
फ्लेवर्स व रंगों का अधिक इस्तेमाल होने के कारण यह त्वचा पर एलर्जी का कारण
बनता है और कई बार
यह एलर्जी इतनी अधिक बढ़ जाती है कि उसका इलाज भी संभव नहीं हो पाता है।
3. कमजोर हड्डियों की वजह
प्रोसेस्ड फूड में फास्फेट नामक तत्व मिलाया जाता है, जिसके कारण खाना टेस्टी बनता है। लेकिन ये तत्व आपकी हड्डियों को कमजोर बनाता है।
4. मूड स्विंग
फास्ट फूड में ट्रांस फैट अधिक होने के कारण ये शरीर में ओमेगा 3 फैटी एसिड के संतुलन को बिगाड़ने का काम करते हैं। और जब इसका संतुलन बिगड़ता है, तो यह मूड स्विंग होने का कारण बनता है।
5. प्रजनन क्षमता पर प्रभाव
प्रोसेस्ड फूड के सेवन से प्रजनन क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। तभी तो आजकल महिलाओं को मां बनने में ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
ये चीजें डाली जाती हैं प्रोसेस्ड फूड में
1. प्रेजरवेटिव : भोजन को सड़ने से रोकने वाले रसायनों का इस्तेमाल।
2. कलर : रसायन जिनका प्रयोग भोजन को एक अलग रंग देने के लिए किया जाता है।
3. स्वाद : रसायन जो भोजन को एक विशेष स्वाद देते हैं।
4. टेक्सचर : रसायन जो खाने को विशेष टेक्सचर देने का काम करते हैं।
फास्ट फूड में इनकी होती है अधिक मात्रा
1. फास्ट फूड में फैट और कैलोरीज की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसमें ट्रांस फैट होता है, जो हार्ट डिसीज और केलोस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम करता है।
2. इसमें बहुत ज्यादा शुगर होने के कारण ये मोटापे का कारण बनता है। एक सोडे में करीब 10 टीस्पून तक चीनी होती है, जो हेल्थ के लिए बिलकुल भी सही नहीं है।
3. फास्ट फूड में अधिक मात्रा में सोडियम होने के कारण यह ब्लड प्रेशर बढ़ाने का कारण बनता है।
इसलिए जितना हो सके, आप फास्ट फूड से दूर रहें, ताकि आपको इस तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े।
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