शहर की एक शिक्षिका ने अपनी शादी के लिए ससुराल पक्ष से अनोखी शर्त रखी। दुल्हन ने कहा- "पहले फलदार और छायादार 100 पौधे लगाएं। इसके बाद ही बारात लेकर घर आ सकते हैं।" ससुराल पक्ष ने जब इसके बारे में सुना तो पहले वे हैरान रह गए, लेकिन बाद में मान गए। वादा किया कि एक महीने में 100 पौधे लगाएंगे और जीवन भर उनका ख्याल रखेंगे। इसके बाद शादी हुई।
ग्वालियर के इंद्रमणि नगर में रहने वाले पंडित अशोक दुबे की बेटी नीतू शहर के एक निजी स्कूल में शिक्षक है। उनका विवाह श्योपुर के रहने वाले डॉ. आशु के साथ तय हुआ और नीतू ने अपने भाई कमल दुबे के जरिए वर पक्ष के समक्ष पौधरोपण की शर्त रखी। आशु के पिता उपेंद्र दीक्षित खुद एसडीओपी हैं और उन्होंने वचन दिया कि श्योपुर में जिला प्रशासन से चर्चा कर पौधरोपण के लिए जगह ली जाएगी।
नीतू का कहना है कि अखबार और चैनलों में आए दिन खबरें देखने-पढ़ने को मिलती है कि लोग गर्मी के कारण मर रहे हैं। महाराष्ट्र समेत कई जगह लोग एक-एक बाल्टी पानी के लिए तरस रहे हैं। ये सब काफी दुखी करता है। मैं अपने परिवार और फ्रेंड सर्किल के साथ अक्सर पौधरोपण में भाग लेती हूं। मुझे लगा कि मैं अपनी शादी में पौधरोपण कराकर पर्यावरण के लिए एक अच्छा काम कर सकती हूं। इसलिए मैंने ये शर्त रखी, जिसे मेरे ससुराल वालों ने मान लिया। यह मेरे लिए खुशी की बात है।
हम वैसे भी समय-समय पर पौधरोपण करते रहते हैं। पुत्र वधु की सौ पौधे लगाने की इच्छा सुनकर और भी अच्छा लगा, तब मैंने वादा किया कि पुत्र और पुत्रवधु की हाइट के 100 पौधे लगाऊंगा। जिला प्रशासन से चर्चा कर एक माह में पौधरोपण करेंगे। -पं. उपेंद्र दीक्षित, दूल्हे के पिता
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