पाकिस्तान में महंगाई तो पहले ही अपना रिकार्ड तोड़ चुकी है, अब स्थिति यह हो गई है कि लोगों में महंगाई को लेकर एक डर समा गया है कि पता नहीं उनकी जरूरत के किस सामान की कीमत कब आसामान छूने लगे। दूध-दही या मटन अपनी जगह अब तो रोजाना इस्तेमाल में आने वाली आम सब्जियों की कीमत भी वहां के लोगों के लिए किसी परेशानी से कम नहीं रह गई है।
आप वहां पर बढ़ती महंगाई की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि पाकिस्तान में टमाटर तो पहले ही 200 से 300 (पाकिस्तानी) रुपये किलो तक बिक ही रहा था अब अदरक के दाम में भी आग लग गई है। हालात यह है कि अगर किसी को एक किलो अदरक खरीदना हो तो उसे जेब से पूरे 500 रुपये निकालने होंगे। पाकिस्तान में गोभी भी 150 रुपये किलो तक बिक रही है।
अखबार 'जंग' की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार यह दिन आया है जब कराची में टमाटर तीन सौ रुपये किलो तक पहुंच गया है. टमाटर की थोक कीमत ही 200 रुपये किलो से अधिक है। रिपोर्ट में बताया गया है कि टमाटर की इस कीमत की वजह देश में इसके पैदावार में कमी और पड़ोसी ईरान और
अफगानिस्तान से इसकी कम आवक है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि महंगाई के दानव ने किस तरह से अपनी गिरफ्त में लोगों को जकड़ रखा है, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि बीते एक साल की समान अवधि की तुलना में बीते हफ्ते रोजमर्रा इस्तेमाल में आने वाली 51 वस्तुओं में से 43 के दाम में 289 फीसदी तक का इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि फलों के दाम में भी ऐसी ही आग लगी हुई है। बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में इस वक्त एक किलो पपीता 160 रुपये में मिल रहा है। एक दर्जन केले के लिए 120 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। सेब, नाशपाती, अनार जैसे फलों का भी यही हाल है. समस्या सिर्फ शाकाहारी खानों की ही नहीं है। मांसाहारी भी महंगाई से इतने ही त्रस्त हैं। बकरे का एक किलो मांस पाकिस्तान में 900 रुपये किलो में मिल रहा है। पूरे देश में महंगाई के कारण मचे हाहाकार ने सरकार की नींद उड़ाई हुई है। 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री इमरान खान ने महंगाई पर निगाह रखने के लिए एक विशेष इकाई बनाई है. इमरान के आर्थिक मामलों के सलाहकार अब्दुल हफीज शेख और वित्त मंत्री हम्माद अजहर ने एक प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी।
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