खतरे का आभास होने पर अंडे वाइब्रेट होकर एक-दूसरे को करते हैं अलर्ट

पुलिस ने लेवी मांगनेवाले दो अपराधियों को हथियार सहित दबोचा Karauli : श्री महावीर जी में भगवान जिनेन्द्र की निकली रथ यात्रा पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बीच स्थित नहरों का जंक्शन है खास 29 को कल्पना सोरेन गांडेय से करेगी नामांकन बीजापुर के आराध्य देव चिकटराज मेले का हुआ समापन उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन लगातार जारी कांग्रेस प्रत्याशी ने किया नामांकन फॉर्म जमा - झाबुआ रामपुर पहुंचे संजय सिंह, कहा- इंडिया गठबंधन की बनेगी सरकार दंतेवाड़ा 18 नक्सली सरेंडर हमीरपुर में मतदान बढ़ाने का लिया गया संकल्प मऊ में मतदान के लिए दिलाई गई शपथ गर्मियों में बढ़ गई है गैस और अपच की समस्या Dream Girl 3 में अनन्या पांडे नहीं सारा अली खान नजर आएगी Liquor Shop Closed: नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में आज से 26 अप्रैल तक बंद रहेंगे ठेके PM-चुनावी दौरा-प्रदेश मतदाता जागरूकता-प्रदेश पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे यात्रियों को किफायती मूल्य पर भोजन उपलब्ध कराएगा आज का राशिफल पीलीभीत में सड़क सुरक्षा जागरूकता को स्कूलों में दिलाई गई शपथ चुनाव प्रचार समाप्त

खतरे का आभास होने पर अंडे वाइब्रेट होकर एक-दूसरे को करते हैं अलर्ट

Khushboo Diwakar 29-07-2019 15:48:32

  • स्पेन की विगो यूनिवर्सिटी ने ऑस्ट्रेलिया के समुद्रतटों के पास पाई जाने वाली चिड़िया के 90 अंडों पर शाेध किया
  • शोध के मुताबिक, खतरे की स्थिति झेलकर अंडों से निकलने वाले चूजों में स्ट्रेस हार्मोन का स्तर अधिक होता है
  • अंडे भी आपस में बात करते हैं। स्पेन की विगो यूनिवर्सिटी के शोध में यह बात सामने आई है। इसके मुताबिक, मां से खतरे का संकेत मिलने पर अंडे वाइब्रेट होकर एक-दूसरे को अलर्ट करते हैं।शोधकर्ताओं ने यह शोध पीले पैर वाली चिड़िया (यलो बेलीड गल) के 90 अंडों पर किया है।

    साउंडप्रूफ कमरे में नहीं दिखा असर

    1. शोधकर्ताओं ने बताया कि खतरे ही आहट मिलने पर एक अंडा बगल वाले अंडे को अलर्ट करता है,ताकि अगर उसने खतरे को नहीं भांपा है तो सावधान हो जाए। इसे समझने के लिए चिड़िया के अंडों के बीच होने वाली ध्वनि का अध्ययन किया गया।

    2. शोधकर्ताओं ने इसके लिए अंडों को दो कैटेगरी में बांटा। पहली कैटेगरी में चिड़िया के साथ दो अंडों को घोसले में रखा गया, जबकि दूसरी कैटेगरी में चिड़िया के साथ दो अन्य
      अंडों को साउंडप्रूफ कमरे में रखा। फिर दोनों बार चिड़िया को खतरे का आभास कराया गया। इस दौरान देखा गया कि वह आवाज से अंडों को अलर्ट करती है। घोसले में रखे चिड़िया के दो अंडों में वाइब्रेशन हुआ, लेकिन साउंडप्रूफ कमरे में रखे अंडों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। 

      शोध के मुताबिक, खतरे की स्थिति में अंडे आवाज करने से ज्यादा वाइब्रेट होते हैं। इनमें पल रहे चूजे दूसरों के मुकाबले, देरी से अंडे से बाहर निकलते हैं। खतरे से जूझने और देरी से बाहर आने के कारण इन चूजों में स्ट्रेस हार्मोन का स्तर दूसरे चूजों के मुकाबले ज्यादा होता है।


      मगरमच्छ के अंडों में भी ऐसा होता है

      शिकार होने जैसी स्थिति में ये चूजे ज्यादा तेज आवाज में चिल्लाते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है, भ्रूण की ये आवाज वाइब्रेशन के रूप में एक-दूसरे के लिए भाषा की तरह काम करती है। इस अध्ययन पर ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है, यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि पक्षियों और मगरमच्छ के अंडे आपस में बात करते हैं। ऐसा कुछ समय पहले कीटों में  भी देखा गया था।

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :