17 जुलाई से शिवजी का प्रिय माह सावन शुरू हो रहा है। इस माह में आने वाले सोमवार का विशेष महत्व रहता है। इस हिन्दी माह में 22 जुलाई, 29 जुलाई, 4 अगस्त और 11 अगस्त को सोमवार आएंगे। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार सावन माह का सोमवार शिवजी के पूजन के लिए श्रेष्ठ दिन माना गया है। वैसे तो पूरे सावन में ही शिवजी की अराधना की जाती है, लेकिन इस माह के सोमवार का महत्व अधिक रहता है। जिन लोगों के पास पूरे माह शिवजी की पूजा का समय नहीं है, वे केवल सोमवार को की गई पूजा से शिव कृपा पा सकते हैं।
महिलाएं पति के सुखद भविष्य के लिए करती हैं व्रत
सावन माह के सोमवार का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सौभाग्य के लिए करती हैं। कुंवारी कन्याएं श्रेष्ठ पति की प्राप्ति
के लिए ये व्रत करती हैं। इस माह में शिवजी की प्रसन्नता के लिए लघुरुद्र, महारुद्र, अतिरुद्र पाठ कराना चाहिए, हर सोमवार को व्रत करना चाहिए। इस व्रत में पवित्र नदी या सरोवर में स्नान कर मिट्टी से शिवलिंग का निर्माण बनाएं और उसका पूजन करें। इसके बाद उसे वापस नदी या सरोवर में ही प्रवाहित कर देना चाहिए।
शिवपुराण का करना चाहिए पाठ
सावन माह में शिव महापुराण का पाठ करना और श्रवण करना शुभ माना गया है। ये व्रत सभी कामानाओं को पूरा करने वाला होता है। सोमवार को वस्त्रों का दान करना चाहिए। इस दिन अन्न दान करने की भी परंपरा है।
सूर्यास्त के बाव शिवलिंग के पास जलाएं
सावन माह में सूर्यास्त के बाद शिवलिंग के पास दीपक जलाना चाहिए। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करें। शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाएं।
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