ओडिशा: पूरी में स्नान यात्रा आज, 4 जुलाई को निकलेगी भव्य जगन्नाथ यात्रा

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ओडिशा: पूरी में स्नान यात्रा आज, 4 जुलाई को निकलेगी भव्य जगन्नाथ यात्रा

17-06-2019 14:10:25

 ओडिशा के पुरी की विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन इस वर्ष 04 जुलाई को होना है। रथ यात्रा का आरंभ भगवान जगन्नाथ के अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के स्नान यात्रा से माना जाता है, इसे देव स्नान पूर्णिमा भी कहते हैं। ज्येष्ट मास की पूर्णिमा को यानी आज सोमवार को वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को मंदिर के गर्भ गृह से निकाल कर स्नान मंडप में लाया जाता है।

भगवान जगन्नाथ का जलाभिषेक

स्नान मंडप के परिसर के सुना कुआ (सोने का कुआं) से साल में एक बार इस पवित्र स्नान के लिए 108 घड़ों में पानी निकाला जाता है। इन सभी घड़ों को भोग मंडप में रखा जाता है और मंदिर के पुजारी इन घड़ों के जल को हल्दी, जव, अक्षत्, चंदन, पुष्प और सुंगंध से पवित्र करते हैं। इसके बाद इन घड़ों को स्नान मंडप में लाकर विधि विधान से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा का स्नान संपन्न कराते हैं। इसे जलाभिषेक कहा जाता है।

हाथी भेष

स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ और बलभद्र को हाथी के
भेष वाले पोशाकों से सुसज्जित किया जाता है, वहीं बहन सुभद्रा को कमल वाले पोशाक पहनाए जाते हैं। स्नान यात्रा के दौरान भगवान के दर्शनों के लिए दुनियाभर से श्रद्धालु आते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस पवित्र दिन भगवान के दर्शन करने से उनके सभी पाप धुल जाते हैं।

स्नान के बाद बीमार पड़ जाते हैं भगवान जगन्नाथ

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अत्यधिक स्नान के कारण भगवान जगन्नाथ और दोनों भाई बहन बीमार पड़ जाते हैं। जिसके कारण उनको एकांतवास में रखा जाता है, राजवैद्य उनका इलाज करते हैं। करीब 15 दिनों तक कोई पूजा नहीं होती हैं, 15 दिनों तक आराम करने के बाद भगवान और उनके भाई बहन का दिव्य श्रृंगार किया जाता है।

04 जुलाई को धूमधाम से निकलेगी जगन्नाथ यात्रा

भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन आजे से 15 दिनों के बाद यानी 03 जुलाई को एकांतवास से बाहर निकलेंगे और दुनियाभर से आए भक्तों को दर्शन देंगे। 03 जुलाई को ही अंतिम श्रृंगार के रूप में नेत्रदान संपन्न होगा। अगले दिन 04 जुलाई को विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा धूमधाम से निकाली जाए.


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