लाखो करोड़ो कर्मचारियों को होगा नुकसान घट गई GPF की ब्याज दर

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लाखो करोड़ो कर्मचारियों को होगा नुकसान घट गई GPF की ब्याज दर

kunika katiyar 17-07-2019 11:35:09

मोदी सरकार ने जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) और इससे जुड़ी अन्य योजनाओं के लिए ब्याज दर में मामूली कटौती कर दी है. पिछली तीन तिमाहियों से इन योजनाओं में 8 फीसदी की ब्याज दर मिल रही थी. लेकिन अब इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए ब्याज दर घटाकर 7.9 फीसदी कर दिया गया है. ब्याज दर घटाने से केंद्र सरकार, रेलवे और रक्षा क्षेत्र के लाखों कर्मचारियों को नुकसान होगा.

जनरल प्रोविडेंट फंड असल में सरकारी कर्मचारियों के पीएफ यानी भविष्य निधि का फंड होता है. इस फंड में सरकारी कर्मचारियों के वेतन का एक हिस्सा जमा होता है, जो बाद में उन्हें रिटायरमेंट के वक्त मिलता है. वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, 'वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान यह सामान्य सूचना दी जाती है कि जनरल प्रोविडेंट फंड और इसके समान अन्य फंड के लिए ब्याज दर 1 जुलाई, 2019 से 7.9 फीसदी कर दी गई है.'

इस फंड के तहत 31 दिसंबर, 2003 या उससे पहले नियुक्त कर्मचारियों को पीएफ जमा होता है. जिन अन्य फंड के लिए ब्याज दर घटाया गया है, उनमें कंट्रीब्यूटरी प्रोविडेंट फंड (इंडिया), ऑल इंडिया सर्विसेवज प्रोविडेंट फंड, स्टेट रेलवे प्रॉविडेंट फंड, जनरल प्रोविडेंट फंड
(डिफेंस सर्विसेज), इंडियन ऑर्डनेंस डिपार्टमेंट प्रोविडेंट फंड, इंडियन ऑर्डनेंस फैक्टरीज वर्कमेन्स प्रोविडेंट फंड, इंडियन नवल डॉकयार्ड वर्कमेन्स प्रोविडेंट फंड, डिफेंस सर्विसेज ऑफिसर्स प्रोविडेंट फंड और आर्म्ड फोर्सेज पर्सनल प्रोविडेंट फंड शामिल हैं.

इसके पहले जीपीएफ की ब्याज दर में बदलाव अक्टूबर 2018 में किया गया था, जब ब्याज दर 0.4 फीसदी बढ़ाकर 8 फीसदी तक किया गया था. पिछले महीने ही सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) जैसी छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दर में भी 0.1 फीसदी की कटौती की थी.

एनएससी और पीपीएफ पर ब्याज दर 7.9 फीसदी और किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7.6 फीसदी कर दिया गया था. मार्च, 2017 में सरकार ने जीपीएफ निकालने के नियम को आसान बना दिया था, जिसके बाद इससे जुड़े लोग चाहें तो 15 दिन के भीतर ही भुगतान हासिल कर सकते हैं. कर्मचारी नौकरी के 10 साल पूरा होने पर ही कुछ खास जरूरतों के लिए जीपीएफ निकाल सकते हैं, पहले ऐसा 15 साल के बाद ही हो सकता था.

गौरतलब है कि कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में जमा रकम पर वित्त वर्ष 2018-19 में 8.65 फीसदी ब्याज देने का केंद्र सरकार ने निर्णय लिया था. 

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