देश की दूसरी बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस को अप्रैल-जून तिमाही में 3,802 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ। यह 2018 की जून तिमाही के प्रॉफिट से 5.2% ज्यादा है। उस वक्त 3,612 करोड़ रुपए का लाभ हुआ था। हालांकि, तिमाही आधार पर इन्फोसिस के मुनाफे में 6.8% कमी आई है। इस साल जनवरी-मार्च में 4,078 करोड़ रुपए का प्रॉफिट हुआ था। रेवेन्यू 13.9% बढ़कर 21,803 करोड़ रुपए हो गया है। पिछले साल की जून तिमाही में 19,128 करोड़ रुपए था। जबकि इस साल जनवरी-मार्च में 21,539 करोड़ रुपए रहा था। कंपनी ने पूरे वित्त वर्ष के लिए कुल रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस बढ़ाकर 8.5-10% कर दिया है। अप्रैल में 7.5-9.5% का अनुमान जारी किया था।
वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही के नतीजे जारी करते हुए इन्फोसिस के सीईओ और एमडी सलिल पारेख ने कहा है कि हमने फाइनेंशियल ईयर की अच्छी शुरुआत की है।
कॉन्सटेंट करंसी ग्रोथ 12.4% और डिजिटल रेवेन्यू ग्रोथ 41.9% रही है। ग्राहकों पर लगातार फोकस और निवेश करते रहने से यह संभव हुआ है।
कंपनी का डॉलर मुनाफा 54.6 करोड़ डॉलर और रेवेन्यू 3.13 अरब डॉलर रहा है। 2018 की जून तिमाही में ये क्रमश: 53.4 करोड़ डॉलर और 2.83 अरब डॉलर थे।
18000 भर्तियों की योजनाइन्फोसिस के सीओओ यू बी प्रवीण राव ने कहा कि कंपनी चालू वित्त वर्ष में कैंपस प्लेसमेंट के जरिए 18 हजार भर्तियां करेगी। बीती तिमाही में 8 हजार रिक्रूटमेंट किए हैं। इनमें से 2 हजार 500 फ्रेशर हैं।
इन्फोसिस ने शेयर बाजार बंद होने के बाद नतीजे घोषित किए। शुक्रवार को कंपनी का शेयर बीएसई पर 0.87% बढ़त के साथ 727.10 रुपए पर और एनएसई पर 1.19% चढ़कर 730.05 रुपए पर बंद हुआ।
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