यह देश की पहली ऐसी विमानन कंपनी है जो एनसीएलटी के तहत दिवालिया प्रक्रिया का सामना कर रही है। एनसीएलटी में कंपनी के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक ने 26 अन्य ऋणदाताओं की ओर से 20 जून को दिवाला एवं शोधन अक्षमता प्रक्रिया शुरू करने की याचिका दायर की थी।
जेट एयरवेज पर बैंकों का करीब 8500 करोड़ रुपए और वेंडरों, पट्टा देने वालों और कर्मचारियों इत्यादि का 25,000 करोड़ रुपये बकाया है। जेट एयरवेज का परिचालन 17 अप्रैल से बंद है और उसे बेचने की बैंकों के समूह की कोशिशें नाकाम रही हैं।
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