हेल्थ डेस्क. होम्योपैथी में एक कहावत है ‘पहला सुख निरोगी मन व काया’। अगर एक रोग का इलाज न हो तो यह दूसरे मर्ज का कारण बनने लगता है। ऐसे में बीमारियों की आपसी कड़ी को ढूंढ़कर इलाज किया जाता है यही इस पद्धति का आधार है। होम्योपैथी का सिद्धांत है कि रोग किस कारण से उत्पन्न हुआ उसका इलाज करना, न कि उसे दबाना। इसमें रोग से ज्यादा रोगी की स्थिति पर गौर करते हैं। यह पद्धति रोग से कमजोर हुए
हिस्सों को स्वस्थ करती है। इसमें आनुवांशिक व पुराने लाइलाज रोगों का इलाज भी संभव है जिसके लिए इस पद्धति को दुनियाभर में प्रसिद्धि मिली। इस पद्धति में असरदार इलाज के लिए दवाओं को सही तरीके लेना जरूरी है। आज वर्ल्ड होम्योपैथी डे है, इसे होम्योपैथी के पितामह कहे जाने वाले डॉ. सैम्युअल हैनीमेन के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। होम्योपैथी विशेषज्ञ डॉ. मुकेश गुप्ता से जानते हैं दवाओं को लेने का सही तरीका और यह पद्धति कैसे काम करती है...
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