महाराष्ट्र के पुणे में सेना के कर्नल समेत करीब 40 जवानों के खिलाफ किसानों की फसल बर्बाद करने के आरोप में केस दर्ज हुआ है। आरोप है कि कर्नल केदार विजय गायकवाड़ के कहने पर जवानों ने जान-बूझकर सोयाबीन के खेत में सेना की गाड़ी चलाई। इससे किसान की पूरी फसल बर्बाद हो गई। हालांकि, कर्नल ने आरोपों को खारिज किया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कर्नल गायकवाड़ और किसान के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। 22 जून को नासिक से 54 किमी दूर गुलानी गांव में सेना की 4 गाड़ियां पहुंचीं और जवानों ने फसल को बर्बाद कर दिया। किसान की शिकायत के बाद कर्नल और जवानों के खिलाफ आईपीसी की धारा 143 (गैर-कानूनी रूप से एकत्रित होना), 144 (अवैध रूप से हथियारों के साथ
इकट्ठा होने), 149 यानी एक ही मकसद से जमा हुए लोगों ने अपराध को अंजाम दिया के तहत केस दर्ज हुआ।
हथियारों से लैस होकर गांव पहुंचे थे जवान
पुणे के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) संदीप पाटिल ने कहा, “सभी जवान वर्दी में थे और हथियार से लैस होकर सेना की गाड़ियों से गांव पहुंचे थे। वे कर्नल और उनके परिवार के सदस्य भी विवादित जमीन पर गए थे।"
कर्नल गायकवाड़ ने मामले पर सफाई दी
कर्नल गायकवाड़ ने बताया कि हमारी टीम हैदराबाद से नासिक स्थित देवलाली कैंप जा रही थी। पुणे में देहु रोड ऑर्डिनेंस डिपो से गोला-बारूद लेना था। लेकिन इससे पहले सभी लोग मेरे पैतृक गांव गुलानी गए थे। इस मामले में जवानों की कोई भूमिका नहीं है। न ही हमने गांव में किसी को धमकाया है।
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