दुनिया भर में अपनी सफेदी के लिए मशहूर राजस्थान के मकराना के मार्बल को ग्लोबल हेरिटेज में शामिल किया गया है. इंटरनेशनल यूनियन ऑफ जूलॉजिकल साइंस यानी आईयूजीस की एग्जीक्यूटिव कमेटी ने ग्लोबल हेरिटेज स्टोन रिसोर्सेज के भारतीय शोध दल के प्रस्ताव पर मकराना को दुनिया का विरासत माना है और इसे ग्लोबल हेरिटेज के रूप में मान्यता दी है.
मकराना के मार्बल क्यों है खास
दुनिया के सबसे खूबसूरत इमारतों में शामिल आगरा का ताजमहल की खूबसूरती में मकराना के मार्बल का बड़ा योगदान है. पूरा का पूरा ताजमहल मकराना के मार्बल से बना है. इसके अलावा जयपुर का बिरला मंदिर हो या फिर सिटी पैलेस, इन सब में मकराना के मार्बल का उपयोग हुआ है. हालांकि मकराना के मार्बल का इतना ज्यादा दोहन हो गया है कि मकराना मार्बल बेहद कम बचा है. मार्बल की खानें इतना ज्यादा अंदर चली गई है कि नीचे से पत्थर लाना मुश्किल हो गया है. अब
खानें वहां अवैध रूप से संचालित हैं लेकिन पुरानी जितनी भी बड़ी और मशहूर बिल्डिंगों में मार्बल लगा है. उन सब में मकराना का ही मार्बल लगा है.
विश्व की सबसे उत्कृष्ट श्रेणी के हैं मकराना के मार्बल
आईयूजीएस के अनुसार मकराना का मार्बल भूगर्भीय दृष्टि से कैंब्रियन काल के पहले कायांतरित चट्टानों से बना है. यह मूल रूप से चूना पत्थर के कायांतरण से बनती है. यह श्रेणी संगमरमर के विश्व की सबसे उत्कृष्ट श्रेणी में से माना जाता है. मकराना के मार्बल के बारे में कहा जाता है कि यह वक्त के साथ कभी भी बदरंग नहीं होता और अपनी सफेदी बनाए रखता है.
पृथ्वी को बचाने के लिए और पृथ्वी के अंदर के खोज के लिए वैश्विक सहयोग से 1961 में आईयूजीएस का गठन किया गया था और 121 देश इसके सदस्य हैं. 2 साल पहले इसके लिए एक टीम ने मकराना से सैंपल लिया था और 2018 में प्रपोजल बनाकर भेजा गया था!
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