डीटीसी और क्लस्टर बसों में महिलाओं को मुफ्त सफर का फायदा मेट्रो से पहले मिलेगा। मेट्रो में मुफ्त सफर की योजना को लागू करने में आठ महीने का समय मांगने के बाद दिल्ली सरकार ने यह फैसला लिया है। मुमकिन है कि अगले सप्ताह ही इस योजना से जुड़ा कैबिनेट नोट मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा।
दिल्ली सरकार ने मेट्रो और बस दोनों में एक साथ महिलाओं के लिए मुफ्त सफर की योजना शुरू करने की बात कही थी। मगर बीते दिनों डीएमआरसी ने मेट्रो में इसे लागू करने के लिए न्यूनतम 8 महीने का समय मांगा। उसके बाद किराया निर्धारण समिति से मंजूरी की बात कही। जिसे देखते हुए डीटीसी में इसे पहले शुरू करने का फैसला लिया है। बस में मुफ्त सफर करने को लेकर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की डीटीसी व परिवहन अधिकारियों के कई बैठकें भी हो चुकी हैं।
सूत्रों की मानें तो डीटीसी ने सरकार के पास योजना लागू करने के लिए जो प्रस्ताव भेजा है, उसके मुताबिक महिलाओं को बस पास जारी किया जाएगा। पास रखने वाली महिला को ही मुफ्त सफर का फायदा मिलेगा। पहले सरकार टिकट जारी करने की
बात कर रही थी, जिसमें महिला को टिकट तो लेना होगा मगर किराया नहीं देना होगा। इसके लिए ईटीएम (इलेक्ट्रानिक टिकटिंग मशीन) के साफ्टवेयर में बदलाव की बात हुई थी। पास के लिए भीड़ पर डीटीसी अधिकारियों ने कहा कि हमारे पास अभी 40 बस पास केंद्र है। भीड़ अधिक होने पर संख्या बढाई जाएगी। हालांकि सरकार टिकट देगी या बस पास यह सरकार की मंजूरी के बाद ही तय किया जाएगा। मगर इतना तय है कि सरकार अगले सप्ताह बस में मुफ्त सफर को लेकर घोषणा कर सकती है।
बस में होती हैं 30 फीसदी महिलाएं :
दिल्ली में रोजाना औसतन 29-30 लाख यात्री सफर करते हैं। डीटीसी के एक अनुमान के मुताबिक, इसमें 30 फीसदी महिला यात्री होती हैं। इस तरह कुल करीब 9 लाख महिला यात्री रोजाना बस में सफर करती हैं। डीटीसी पर इतनी महिला यात्रियों को मुफ्त सफर कराने के लिए 250 से 350 करोड़ तक का अतिरिक्त खर्च आएगा, जो सरकार वहन करेगी। दिल्ली में अभी अलग-अलग श्रेणी में हर माह करीब 1.80 लाख से अधिक बस पास जारी होते हैं। इसमें 40 फीसदी से अधिक बस पास बुजुर्ग श्रेणी के होते हैं।
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