हाल के वर्षों में मुंबई ने दो बड़े बाढ़ का सामना किया है. पहला 26 जुलाई 2005 में दूसरा 29 अगस्त 2017 में. दोनों ही बाढ़ ने मुंबई की हालत खस्ता कर दी थी. सरकार की योजनाओं में दूरदर्शिता की कमी के साथ ही आम लोगों की लापरवाही भी ऐसी बाढ़ की बड़ी वजहें हैं. आइए जानते हैं कि मॉनसूनी बारिश में क्या होता है मुंबई का...
मुंबई में आज यानी शुक्रवार को मॉनसून की पहली बारिश हुई. मुंबई में जब भी बारिश होती है मुंबईवाले परेशान हो जाते हैं. मुंबई के करीब डेढ़ दर्जन उपनगरीय इलाकों में जल जमाव होने लगता है. लोकल ट्रेनें, बसें रुक जाती है. जगह-जगह ट्रैफिक जाम लगने लगता है. हाल के वर्षों
में मुंबई ने दो बड़े बाढ़ का सामना किया है. पहला 26 जुलाई 2005 में दूसरा 29 अगस्त 2017 में. दोनों ही बाढ़ ने मुंबई की हालत खस्ता कर दी थी. सरकार की योजनाओं में दूरदर्शिता की कमी के साथ ही आम लोगों की लापरवाही भी ऐसी बाढ़ की बड़ी वजहें हैं. आइए जानते हैं कि मॉनसूनी बारिश में क्या होता है मुंबई का...
मुंबई में जब भी बाढ़ आती है, तब करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा उपनगरीय इलाकों में जलजमाव हो जाता है. यातायात व्यवस्था चरमरा जाती है. ये इलाके हैं - दादर, मुंबई सेंट्रल, कुर्ला, अंधेरी, साकी नाका, बोरीवली, गोरेगांव, जुहू, बांद्रा, परेल, सायन, माटुंगा, धारावी, ठाणे, कोलाबा, सांताक्रूज, कल्याण, वसई, मीरा रोड, नालासोपारा और चेंबूर.
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