जहां एक ओर केंद्र व प्रदेश सरकार गावों में निर्मित पडे पंचायत घरोंको बढावा देने के लिये तरह तरह के रोज नये नियम व योजानायें चलाकर लोगो को लाभांवित काराने का प्रयास कर रही है। वही देश के प्रधानमंत्री मोदी का एक सपना यह भी है कि गांव के लोगो को सभी प्रकार की सेवायें व योजनाये अपने व में ही काराये। जिससे एक गरीब की झोली का भी कम खर्च वब्यर्थ की भाग दौड भी बचेगी ।जहां केंद्र सरकार ने गावों बने पंचायत घरों को डिजिटल बनाये जाने का एक अभियान भी चालाया था।डिजिटल अभियान के अंतर्गत विजली, पानी, कम्प्यूटर कक्ष, ग्राम प्रधान, सचिव कक्ष व हाईडाटा नेट वर्किंग के लिये
वाई फाई टावर लगवाये थे , जिसमें एक आपेटर कक्ष भी बनवाये जाने का प्रावधान भी है।लेकिन जहां के सम्बंधित अधिकारी ही ऐसी सुगम योजनायों का लीता लगा रहे हों। वहां ऐसी कल्पना करना कहीं मुमकिन नहीं समझा जा सकता है।
ऐसा ही एक मामला बिल्हौर तहसील के अंतर्गतविकाश खंड शिवराजपुरकी ग्राम पंचायत मनोह का प्रकाश में आया है।मनोहग्राम पंचायत में बना पंचायत घरअपनी बदहाली पर आशू बहाता हुआ नजर आता है जहां लाखों करोडो की लागत से पंचायत घर के छत के किनारे से दीवार के सहारे से लगे वाई फाई के टावर भी खाली ठूठ साबित होकर जंग खा रहे हैं । यूं कहें कि पंचायत घर ही अंधेरे में अपनी ब्यथा ब्यां कर रहा है, जिसमें मनोह ग्रामीण सुशील यादव ने बताया ने बताया कि पंचायत घर की छत बहुत ही जर्जर है जहां बरसात के समय उस्में पानी भी टपकता है, फर्श भी टूटी,दरवाजे उखडे हैं,और न ही अभी तक उसमें विजली कनेकशन की कोई ब्यवस्था विभाग द्वारा की गई है तो ऐसे हालातो में वहां कौन
सा अधिकारी बैठकर कार्यों को करेगा, और तो और विभगीय कक्षों मे अधिकारियों के बैठनेकी जगह लोगों के अपनी अपनी जरूरमंद वस्तुओं की रखकर कार्यो को पुरा करना शुरुकर दिया है,और क्योंकि इसी को कहते है न डिजटली करण।आगे अवगत कराना है कि अभी कुछ ही दिन पहले उपजिलाधिकारी हिमांशु गुप्ता वजिला परियोजना अधिकारी के के पाडेय के द्वारा इसी गांव में चैपाल लगाकर लोगों की जन समस्याओं को सुना गया था ।
जिसमें गांव में ही बनी पानी टंकी के पानी का सप्लाई न किये जाने, गांव में सफाई कर्मचारी के समय पर आने वसफाई कर्मचारी के द्वारा सही तरीके से गावों की गलियों व नालियों की सफाई न किये जाने,खेत सिंचाई के लिये पानी समुचित ब्यवस्था न होने की राशनकार्ड से संब्न्धित आदि गंभीर समस्याओ को लेकर गांव के ही गया प्रसाद शुक्ला,सत्यम बाजपेई,दिनेश कश्यप,अशोक गौतम, पाशंकर सुशील यादव आदि लोगो ने अवगत कराया गया था जिसमें जिला रियोजना अधिकारी के के पांडेय ने ग्राम सचिव गिरीश चंद्र साहू के साथ मिलकर पानी टंकी,नाली व गलियों कीसफाई व पंचायत घर की भी पैमाईस उसी दिन की गई थी ।जिसमें गावों के ही कुछ राजनैतिक मे संलिप्त दबंगों के द्वारा पंचायत घर को अपनी ही सम्पति मानकर अवैधानिक कब्जाकर लिया गया था।ऐसी स्थिति में अधिकारियों के 1 माह की चेतावनी देकर व जल्द से जल्द खाली करने का आदेश भी दिया जा चुका है लेकिन वह भी अब हवा हवाई ही बित हो रहा है दबंग किस्म के लोगों के आगे प्रसाशन भी जहां एक ओर नतमस्तक होते नजर आने लगा है।तहसील बिल्हौर के तेज तर्रार व यश्ववी जिलधिकारी जरा इस ओर भी एक नजर इनायत कर लेते तो शायद पंचायत घर भी कव्जा मु७ होकर एक सुंदर मिशाल भी छोड पाता।
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