बिहार विधानसभा चुनाव में अभी भले ही एक साल का समय शेष है, परंतु महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी से घमासान की स्थिति है. मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. महागठबंधन में शामिल सभी प्रमुख दल अपने-अपने नेता के मुख्यमंत्री पद के लिए योग्य उम्मीदवार होने का दावा ठोंक रहे हैं. स्थिति यह है कि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के मुख्यमंत्री बनने की महत्वकांक्षा फिर से जाग उठी है.
उन्होंने कहा कि वह नौ महीने तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं. वह एक बेहतर मुख्यमंत्री साबित हुए हैं. उनके कार्यकाल को और उनके द्वारा लिए गए फैसलों को
जनता याद करती है. उन्होंने कहा है यदि दोबारा मौका मिलता है तो वह योग्य मुख्यमंत्री साबित होंगे. उन्होंने कहा कि जब तक दलित मुख्यमंत्री नहीं होगा, तब तक दलितों का विकास नहीं होगा.
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा में बात यहीं नहीं रुकती है. मांझी के पुत्र संतोष मांझी ने भी शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी ठोंक दी. उन्होंने अपनी तुलना तेजस्वी और चिराग पासवान से करते हुए कहा कि "उन दोनों को राजनीति विरासत में मिली है. मगर मैं आज जहां पहुंचा हूं, गरीबों की लड़ाई लड़कर पहुंचा हूं." उन्होंने कहा, "हमलोग गरीब, दुखियों के हक की लड़ाई लड़ते हैं. मैं भी पढ़ा-लिखा हूं. मैं क्यों नहीं मुख्यमंत्री बन सकता."
Copyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments