बस कंडक्टर के बेटे ने भारत को बनाया U-19 एशिया कप चैम्पियन

चिराग पासवान ने महेश्वर हजारी पर हमला बोला Airtel ने इंटरनेशनल रोमिंग पैकेज लॉन्च किया 30 अप्रैल को कोर्ट में फिर से पेश होंगे बाबा रामदेव पवन सिंह ने रोहतास में शुरू किया रोड शो चित्रकूट में हनुमान जन्मोत्सव पर विविधि कार्यक्रम भगवान हनुमान जी के जन्मोत्सव पर आज हनुमान मंदिर में की जा रही विधिवत पूजा अर्चना ललितपुर में दो बाइकों की टक्कर में दो की लोगों की मौत प्रशांत किशोर ने कहा शिक्षा का स्तर बढ़ाए सरकार सहरसा में वीर कुंवर सिंह जयंती समारोह बदायूं से ग्यारह प्रत्याशी मैदान में। हनुमान जयंती प्रधानमंत्री-प्रदेश दौरा आज का राशिफल लू की चेतावनी के बीच निर्वाचन आयोग ने आज विभिन्‍न पक्षों के साथ बैठक की यूक्रेन युद्ध से हुआ हृदय परिवर्तन, यूक्रेन की मडिया बनी करणेश्वरी संजय निषाद पर हमला जिला सहकारी बैंक के वर्तमान अध्यक्ष का नवाज खान पर बड़ा आरोप । विश्व पृथ्वी दिवस फारबिसगंज मे 26 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी की प्रस्तावित विशाल चुनावी जनसभा भोपाल में एनसीसी कैडेट्स ने विश्व पृथ्वी दिवस पर किया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

बस कंडक्टर के बेटे ने भारत को बनाया U-19 एशिया कप चैम्पियन

Jyotsana Yadav 16-09-2019 12:11:13

भारतीय टीम अंडर-19 एशिया कप (Asian Cricket Council Under-19s Asia Cup) पर 7वीं बार कब्जा करने में कामयाब रही. शनिवार को कोलंबो के आर. प्रेमदासा स्टेडियम में खेले गए फाइनल में इंडिया अंडर-19 टीम ने बांग्लादेश अंडर-19 टीम को पांच रनों से मात दी.भारत की इस जीत के हीरो 18 साल के अथर्व अंकोलेकर रहे. 107 रनों के मामूली लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की टीम 33 ओवरों में 101 रनों पर सिमट गई. मुंबई के लेफ्ट आर्म स्पिनर अथर्व ने 8 ओवरों में 2 मेडन के साथ 28 रन (8-2-28-5) देकर 5 विकेट चटकाए.अथर्व अंकोलेकर ने पहले तो बांग्लादेश के मध्यक्रम को तोड़ा और इसके बाद 33वें ओवर में दो विकेट लेकर भारतीय टीम को खिताबी जीत दिला दी. इसके साथ ही अथर्व 8 टीमों की इस प्रतियोगिता में 12 विकेट लेकर शीर्ष पर रहे. अथर्व 26 सितंबर को 19 साल के हो जाएंगे. अथर्व जब दस वर्ष के थे, उनके पिता
विनोद अंकोलेकर का देहांत हो गया. वह मुंबई की बस सेवा (BEST) में कंडक्टर थे. अथर्व के पिता चाहते थे कि उनका बेटा क्रिकेटर बने.

मां वैदेही ने उनके सपने को धुंधला नहीं होने दिया और दो बेटों की परवरिश के लिए पति की जगह बस कंडक्‍टर की नौकरी करने लगीं. मां के संघर्ष की बदौलत अथर्व ने न सिर्फ अपने देश को चैम्पियन बनाया, बल्कि पिता के सपने को भी सच कर दिखाया.फाइनल के वाले दिन अथर्व की मां ने छुट्टी ले ली थी. घर के केबल टीवी पर स्पोर्ट्स चैनल नहीं रहने की वजह से वह ससुराल चली गईं और पूरा दिन बेटे की सफलता के लिए प्रार्थना में बिताया.वह कहती हैं- 'मैं गणपति बप्पा से प्रार्थना कर रही थी कि आज का दिन मेरे बेटे का हो. जब 12 रन रह गए थे और दो विकेट शेष थे, तो मुझे उम्मीद थी कि अथर्व को बॉलिंग मिलेगी, वह इस इंतजार में था.'


  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :