आम बजट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विज्ञान भवन में बड़े अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ शनिवार बैठक करेंगे. शाम 4.30 बजे यह बैठक होगी. गिरती अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी और डॉलर के सामने कमजोर पड़ते रुपये जैसे मुद्दों के मद्देनजर यह बैठक काफी अहम है. इस बैठक का मुख्य एजेंडा यही होगा कि कैसे अर्थव्यवस्था की गाड़ी को पटरी पर दोबारा लाकर उसको रफ्तार दी जाए. 5 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आम बजट पेश करेंगी.
इस बैठक में अर्थशास्त्री प्रेजेंटेशन के जरिए प्रधानमंत्री मोदी के सामने अपनी राय जाहिर करेंगे. पीएम मोदी बजट के प्रस्ताव पर भी चर्चा करेंगे. नई सरकार के गठन के बाद 31 मई को जारी सरकारी आंकड़ों से खुलासा हुआ कि साल 2018-19 की पहली तिमाही में जीडीपी गिरकर 5.8 फीसदी तक पहुंच गई. पिछली 17 तिमाहियों
में यह सबसे बड़ी गिरावट थी . इस आंकड़े का मतलब है कि भारत अब दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था नहीं है. पहली तिमाही में चीन की विकास दर 6.4 प्रतिशत रही. दो साल में पहली बार भारत चीन से पिछड़ गया है.
पिछले महीने सांख्यिकी मंत्रालय ने कहा था कि 2017-18 में बेरोजगारी दर 6.1 प्रतिशत है. इसका मतलब है कि देश में साल 1972-73 के बाद बेरोजगारी सबसे ज्यादा है. पिछले शनिवार को आयोजित नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2024 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा है. पीएम ने कहा कि यह चुनौतीपूर्ण है लेकिन इसे हासिल किया जा सकता है. इस बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्री, लेफ्टिनेंट गवर्नर, केंद्रीय मंत्री और सरकारी कर्मचारी शामिल हुए थे.
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