भारतीय ऑटोमोबाइल जगत में आई मंदी पर फायनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार ऑटो इंडस्ट्री की मांग पर जवाब देगी. ऑटो इंडस्ट्री पिछले कुछ महीने से बिक्री में भारी गिरावट देख रही है और अगस्त 2019 में इंडस्ट्री की कुल बिक्री दो दशक में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. ऐसे में कंपनियों ने एकजुट होकर सरकार से फिलहाल लग रहे जीएसटी में कमी करने की मांग की है, फिर चाहे वो कुछ समय में लिए क्यों ना हो. एएनआई ने कोट किया है निर्मला सीतारमण ने कहा कि, "ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री BS6 और मिलेनियल माइंडसेट से अभी प्रभावित हुई है, अब ग्राहक कार खरीदने की जगह ओला और उबेर इस्तेमाल कर रहे हैं.
अगस्त 2019 के आंकड़े बताते हैं कि 1997-98 के बाद बिक्री में पहली बार इतनी बड़ी गिरावट देखी गई है. दो-पहिया वाहनों की बिक्री 3 साल में सबसे कम आंकी गई है. पैसेंजर वाहनों की कुल बिक्री में 31.57% की गिरावट देखी गई है,
अगस्त 2018 में बिके 2,87,198 यूनिट वाहन के मुकाबले अगस्त 2019 में कंपनी 1,96,524 वाहन बेच पाई है. इनमें सबसे ज़्यादा घाटा पैजेंजर कार बिक्री में हुआ है जिसमें 41.09% गिरावट दर्ज की गई है. शुक्र है कि यूटिलिटी वाहनों की बिक्री में मामूली 2.2% की गिरावट देखी गई है. वैन सैगमेंट में भी इंडस्ट्री ने भारी 47.36% की कमी दर्ज की है.भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने थ्री-व्हीलर्स की बिक्री में 22.24% की गिरावट दर्ज की है, अगस्त 2018 में बिकी 19,47,304 यूनिट के मुकाबले अगस्त 2019 में 15,14,196 यूनिट बिक पाई हैं. स्कूटर्स, मोटरसाइकल और मोपेड की बिक्री में क्रमशः 22%, 22 % और 21% की कमी देखी गई है. मीडियम और हेवी कमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री में भी भारी कमी आई है और 54.3% की कमी के साथ कंपनियों ने अगस्त 2019 में महज़ 15,573 वाहन बेचे हैं जो आंकड़ा पिछले साल इसी समय 34,073 पर था. हल्के कमर्शियल वाहनों की बिक्री में भी 28.21% की गिरावट दर्ज की गई है.
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