वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार-दो के पहले बजट में ही अपने सरकार का एजेंडा पेश किया। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि सरकार के प्रत्येक कार्य एवं योजना के केंद्र में गांव, गरीब और किसान हैं। वित्त मंत्री ने दावा करते हुए कहा कि 2022 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार में बिजली का कनेक्शन और स्वच्छ ईधन आधारित रसोई सुविधा होगी। हर व्यक्ति के पास अपना घर होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 2019-20 से 2021-22 तक पात्रता रखने वाले लाभार्थियों को 1.95 करोड़ मकान मुहैया कराए जाएंगे। इनमें रसोई गैस, बिजली एवं शौचालयों जैसी सुविधा होगी।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि एनडीए ने अपने पहले कार्यकाल में 'न्यू इंडिया के लिए काम शुरू कर दिया था। अब इन कार्यों की रफ्तार बढ़ाई जाएगी और आगे चलकर लालफीताशाही को और कम किया जाएगा। उन्होंने सत्ता में भाजपा की वापसी को उज्जवल और स्थिर नए भारत की उम्मीद बताते हुए शेर पढ़ा,'उम्मीद हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है।'
वित्त मंत्री ने कहा कि भारतमाला , सागरमाला और उड़ान जैसी योजनाएं ग्रामीण - शहरी क्षेत्र के बीच के
अंतर को पाटने का काम कर रही हैं और परिवहन बुनियादी ढांचे में सुधार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारतमाला परियोजना से राज्यों को रोडवेज विकसित करने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार सूक्ष्म , लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए बिलों का भुगतान करने के लिए भुगतान मंच का निर्माण करेगी।
सीतारमण ने कहा, 10 हजार नए किसान उत्पादक संगठनों का अगले 5 साल में निर्माण किया जाएगा। जीरो बजट खेती पर जोर दिया जाएगा। खेती के बुनियादी तरीकों पर लौटना इसका उद्देश्य है। इसी से किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य पूरा होगा। खाद्यानों, दलहनों, तिलहनों, फलों और सब्जियों की स्व-पर्याप्तता और निर्यात पर विशेष रूप से जोर दिया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा है कि जल संकट से निपटने के लिए गठित जल शक्ति मंत्रालय के तहत, प्रत्येक घर को 2024 तक स्वच्छ और पर्याप्त जल उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मकसद से सरकार ने जल से जुड़े सभी मंत्रालयों को जोड़कर जल शक्ति मंत्रालय बनाया है। यह मंत्रालय राज्य सरकारों के साथ मिलकर हर घर को जल उपलब्घ कराने के मिशन के साथ काम करेगा।
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