इस दिखावटी दुनिया में लोग हर चीज को पाना चाहते है। लोग चाहते है की उनके पास हर वो चीज हो दूसरे पास नहीं है, फिर चाहे वो इंसान ही क्यों न हो। इसी माहोल के के चलते मुम्बई में एक कंपनी ने ऐप लॉन्च करते हुए दावा कर रही है की ये ऐप मानसिक रूप में लड़कियों की सहायता करेगा।
मुंबई में एक ऐप लॉन्च हुआ, जिसकी थीम है ‘बॉयफ्रेंड ऑन रेंट’ यानी किराए पर बॉयफ्रेंड. इस ऐप के मालिक कौशल प्रकाश ने इस ऐप को लॉन्च करने के पीछे की सबसे बड़ी वजह डिप्रेशन को बताया. उनके मुताबिक यह ऐप लड़कों में रोजगार की संभावनाओं को भी बढ़ाएगा. यह सेवा मुंबई और पुणे में मिलेगी.
इस ऐप के जरिए आप लड़के को किसी भी सार्वजनिक जगह घूमने के लिए ले जा सकते हैं और ऐप 500 रुपए में 15 से 20 मिनट के लिए काउंसलिंग भी देता है. ऐप कंपनी का दावा है कि उनकी टीम में डिप्रेशन के काउंसलर और मानसिक रोग विशेषज्ञ भी हैं. इस कंपनी का ये भी दावा है कि इससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
इस ऐप पर लड़कियां अपनी पसंद के लड़कों से बात कर सकेंगीं, घूमने के लिए लड़कों के साथ बाहर ले जा सकेंगी. इसमें अपनी पसंद चुनने के लिए कई सारे ऑप्शंस और केटेगरी हैं.
लेकिन इनकी ऑफिशियल वेबसाइट पर काउंसलर और मनोरोग विशेषज्ञ वाले सेक्शन में जाने पर अलग कहानी सामने आती है. एक्सपर्ट केटेगरी पर क्लिक करने पर तो कुछ दिखाई ही नहीं दिया, इस सेक्शन का स्क्रीन शॉट अपने आपके लिए ऊपर वाली फोटो में जोड़ा है।
यहां एक्सपर्ट की जानकारी गायब हैं. अगर मैं मानसिक रूप से रोगी हूं या डिप्रेस्ड हूं और अगर में इस साइट पर मदद के लिए जाती हूं तो मैं कैसे जानूंगी कि जो एक्सपर्ट मेरी मदद करने वाले
हैं वो कौन हैं? उनकी योग्यता क्या है?
बॉयफ्रेंड किराए पर लेना सुनने में बहुत अजीब भी लगता है, लेकिन आधुनिक भी लगता है. लेकिन जिस डिप्रेशन का समाधान ये ऐप पेश करने की कोशिश कर रहा है क्या यह तरीका सही है? क्या सिर्फ कुछ देर बात करने या कुछ घंटे के लिए बाहर घूमने जाने से डिप्रेशन की समस्या का हल हो जाएगा. क्या किराए के बॉयफ्रेंड के साथ वक्त बिताने पर मानसिक शांति मिलेगी?
समाज में कुछ लोग लाइफ पार्टनर (गर्लफ्रेंड/बॉयफ्रेंड) का होना स्टेटस सिम्बल मानते हैं. ये ऐप शायद इस तरह के लोगों को टारगेट कर सकता है, जो समाज में प्रतिष्ठा के लिए बॉयफ्रेंड रखना चाहते हैं. असल सवाल तो यही है कि थोड़ी देर के लिए किसी से बात करते वक्त क्या आप भावनात्मक रूप से न्यूट्रल रह सकते हैं. क्योंकि आपको ये भी मालूम है कि आपके सामने जो आदमी बैठा है वह भाड़े का है. आपकी भावनाओं से उस व्यक्ति को कुछ लेना देना नहीं है.
वैसे कई बार लोग डिप्रेशन को सही मायने में नहीं जानते और अकेलेपन को ही डिप्रेशन मानने लगते हैं. इसी तरह बॉयफ्रेंड की परिभाषा क्या है? और ये ऐप बॉयफ्रेंड के किन-किन पैमानों पर खरा उतरता है. इस सवाल का जवाब भी साफ नहीं है.
बार-बार किसी रिश्ते में उतार चढ़ाव से कई तरह की मानसिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हाल में हुई एक स्टडी में पता चला है जल्दी-जल्दी रिलेशन में उतार चढ़ाव आपको डिप्रेशन या तनाव में डाल सकता है.
ऐसे में अगर आप मानकर चल रहे हैं कि किराए पर बॉयफ्रेंड लेकर आप अपने डिप्रेशन से आजाद हो सकते हैं तो एक बार रुककर सोचिए जरूर. किराए पर चंद लम्हों के लिए अगर आप भावनात्मक रिश्ता कायम करते हैं, तो इसका खामियाजा आपको और किसी और रूप में भुगतना पड़ सकता है.
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