फिल्म और टीवी इंडस्ट्री की तरह ही आजकल स्पोर्ट्स फील्ड को भी ग्लैमर से जोड़कर देखा जाने लगा है। आज खिलाड़ी भी सेलिब्रिटी ही होते हैं और उनकी लाइफस्टाइल भी कुछ ऐसी ही होती है। क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जिसे कई देशों में अन्य खेलों से अधिक तवज्जो दी जाती है। हालांकि एक क्रिकेटर का करियर ज्यादा लंबा नहीं होता है। 30 से 40 वर्ष की उम्र के भीतर तो लगभग सभी क्रिकेटर्स रिटायरमेंट ले लेते हैं। खेल की दुनिया से संन्यास लेने के बाद इन खिलाड़ियों की दूसरी पारी शुरू होती है। कुछ खिलाड़ी कमेंटेटर बनते हैं तो कुछ कोच। कुछ खिलाड़ी कोई बिजनेस खोल लेते हैं तो कुछ होटल्स। लेकिन यहाँ जरा रुकिये। खेल जगत का एक कड़वा सच यह भी है कि संन्यास के बाद कुछ खिलाड़ी गुमनामी के अंधेरों में कहीं खो जाते हैं। उन्हें अपना जीवन बदहाली में काटना पड़ता है। आज मैं आपको ऐसे ही एक खिलाड़ी की कहानी सुनाने वाली हूँ। अपनी टीम के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाला यह खिलाड़ी आज एक टैक्सी ड्राइवर के तौर पर अपना जीवन बिता रहा है। आइये जानते हैं इसकी पूरी कहानी।
पेशावर से ताल्लुक रखने वाले अरशद खान पाकिस्तान क्रिकेट टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा थे। अरशद दाएं हाथ के बल्लेबाज और स्पिनर थे। वे घरेलू क्रिकेट में पेशावर के कप्तान भी रह चुके हैं।
अरशद ने साल 1997-98 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने पाकिस्तान के लिए 9 टेस्ट और 58 वनडे मैच खेले हैं।
साल 2001 के बाद अरशद एक बार फिर घरेलू क्रिकेट खेलने लगे। घरेलू क्रिकेट में अपने बेहतर प्रदर्शन के दम पर उन्होनें 2005 में एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय टीम में कमबैक किया। अरशद ने अपना आखिरी टेस्ट एवं वनडे मुकाबला भारत के खिलाफ क्रमशः बैंगलोर और रावलपिंडी में खेला था
साल 2006 में पेशावर में खेले जा रहे मैच में अरशद ने क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का महत्वपूर्ण विकेट लिया था। तेंदुलकर ने इस मैच में शतक जड़ा था। अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट मैचों में 32 और वनडे मैचों में 56 विकेट्स लेने वाले अरशद ने 2005 में कोच्चि में भारत में खिलाफ 4 विकेट्स लेकर अपना बेस्ट प्रदर्शन किया था।
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