गांजा एक ऐसा नाम जिसे सुनकर कुछ लोग खुश होते है वही दूसरी तरफ कुछ लोग इसे मृत्यु द्वार समझते है। लेकिन ये बात भी सही हैं, की इस गांजे के पौधे को कई जगहों पर पूजा सामग्री में भी इस्तेमाल किया जाता है। चूँकि गांजा की सबसे ज्यादा पैदावार एशियाई प्रांतो में होती है। लेकिन गांजे को यहाँ पर अभी तक वैधता नहीं मिली है। वहीँ दूसरी तरफ देखें तो पहले उरग्वे ने और बाद में कनाडा ने गांजे को स्वीकारते हुए कुछ शर्तों के साथ वैधता दी। कनाडा में गंजे को मरिजुआना भी कहा जाता हैं। आज कई अन्य देश हैं जहां मरिजुआना के इस्तेमाल को वैध करने पर विचार किया जा रहा है। कनाडा के वयस्क भांग व गांजे के उत्पादों को अधिकृत उत्पादकों व खुदरा विक्रेताओं से हासिल कर सकते हैं।
वहां कोई भी व्यक्ति 30 ग्राम तक गांजा या इसी अनुपात में इससे जुड़े उत्पादों को अपने साथ रख सकता है। साथ ही डीलरों से भांग के पौधे हासिल करके कनाडाई लोग अपने घरों में भी इसके अधिकतम चार पौधे लगा सकेंते है। हालांकि इस सबके साथ अनधिकृत तौर पर इसकी खरीद-बिक्री को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। साथ ही नाबालिगों को गांजा या भांग संबंधी उत्पाद बेचने पर 14 साल तक की सजा का प्रावधान भी है। ऐसा माना जा रहा है कि कनाडा में गांजे व इसके उत्पादों की खरीद-फरोख्त को वैध किए जाने के बाद वहां की सरकार को करीब 2,661 करोड़ रुपये सालाना राजस्व के रूप में मिल सकेंगे। इसके साथ ही इस बारे में तय किए गए नए नियमों को लेकर देश के लोगोंं को जागरूक करने के लिए कनाडाई सरकार ने प्रचार अभियान शुरू करने का फैसला भी किया। इससे पहले साल 2015 में चुनाव प्रचार के दौरान कनाडा के मौजूदा राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो ने गांजे को वैध करने का वादा किया था। उनका तर्क था कि दुनियाभर में भांग और गांजे संबंधी उत्पादों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कनाडा में ही होता है जिसे रोकना मुमकिन नहीं है। आकंड़ों के मुताबिक साल 2017 के दौरान कनाडा के करीब 49 लाख लोगों ने लगभग 37 हजार करोड़ रुपये की कीमत के इन मादक पदार्थों का इस्तेमाल किया था।
यौन उत्तेजना बढ़ाने वाले उत्पाद की तलाश करतें हैं तो हमें बहुत सी चीज़ें देखने को मिलती हैं। इनमें तेल, स्प्रेयर, भांग की सुगंध
वाली मोमबत्ती जैसी चीज़े अहम हैं. लेकिन इन्हीं चीज़ों के साथ मरिजुआना(गांजा) का पौधा भी देखने को मिल जाता है। लेकिन सवाल उठता है कि आख़िर इस बात में कितनी सच्चाई है और गांजे के सेवन से सेक्स पर कितना असर पड़ता है। भारत में भी गांजा काफ़ी लोकप्रिय है। प्राचीन काल में मिस्र में रहने वाली महिलाएं गांजे को शहद में भिगोकर इस्तेमाल करती थीं। इससे पता चलता है कि मरिजुआना और सेक्स के संबंध की बात कोई नई नहीं है. प्राचीन काल से ही इसका ज़िक्र मिलता है। 'कैनासेक्सुअल' शब्द का सबसे पहला इस्तेमाल कैलिफ़ोर्निया में रहने वाली सेक्स सलाहकार एश्ले मान्टा ने किया था। उन्होंने साल 2013 में इस पौधे की मदद से सेक्स थेरेपी और यौन शिक्षा के बारे में बात करना शुरू किया। हालांकि, अमरीका में अभी भी मरिजुआना का सेवन प्रतिबंधित है, लेकिन अमरीका के कुछ राज्यों ने अब इसे अपने यहां वैधता प्रदान करनी शुरू कर दी है। सबसे पहले उरुग्वे ने गांजे पर प्रतिबंध हटाया था, साथ ही ब्रिटेन में भी गांजे को मेडिकल उपचार में इस्तेमाल करने पर विचार किया जा रहा है। ब्रिटेन के लुटोन शहर में रहने वाले एडम और डोनिया (बदले हुए नाम) पिछले तीन सालों से उत्तेजना के लिए गांजे का इस्तेमाल कर रही हैं। डोनिया कहती हैं, ''मैं बहुत ख़बसूरत नहीं हूं, लेकिन जब मैं गांजे का इस्तेमाल करती हूं तो इस तरह के ख्याल मेरे मन में नहीं आते. मेरा शरीर आराम की मुद्रा में चला जाता है और मुझे अच्छा महसूस होता है. यही वजह है कि मुझमें आत्मविश्वास आ जाता है.''
एक अमरीकी संस्था के अनुसार गांजे का इस्तेमाल इतना अधिक बढ़ गया है कि अब इसकी सप्लाई भी मुश्किल होती जा रही है। हालांकि गांजे के इस्तेमाल और यौन आनंद पर अभी तक कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है, लेकिन लोगों के बीच इसका चलन लगातार बढ़ता जा रहा है। जबकि इसके उलट हमें ऐसे शोध ज़रूर पढ़ने को मिल जाते हैं जो बताते हैं कि गांजे के इस्तेमाल से पुरुषों की यौन शक्ति प्रभावित होती है। वहीं एक अन्य सर्वे में बताया गया है कि जो लोग रोजाना गांजे का सेवन करते हैं उनमें सेक्स संबंधी समस्या दोगुनी रफ्तार से बढ़ती हैं। ब्रिटेन में यौन स्वास्थ्य और एचआईवी संस्था के सलाहकार मार्क लौटन कहते हैं कि लोगों को सेक्स के दौरान शराब, ड्रग्स या नशा करने वाली अन्य चीज़ों से दूर रहना चहिए।
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