आज कल की फिल्मों में ज्यादातर दो ही मुद्दों को आधार बनाकर बनायीं जाती। जिसमे पहला भाग लड़की और लड़के की लव स्टोरी का भाखान करता है और दूसरा भाग हीरो के एक्शन को। लेकिन कई बार बॉलीवुड फिल्मों में हेरोइन के एक्शन को भी दिखाया जाता है। अब बात एक्शन करने की करे तो वैसे तो आजकल के हीरो अपने एक्शन सीन को खुद करने की कोशिश करते है, परन्तु पुरानी फिल्मों में जहा हीरो के एक्शन उसके स्टंट मैन में से कराया जाता था, तब क्या किसी हेरोइन का एक्शन भी कोई स्टंट वूमेन करती थी। चूँकि हर इंडस्ट्री की तरह बॉलीवुड में भी ऐसे कई काम हैं, जिन्हें लोग मर्दों वाला काम ही कहते हैं. औरतों को ऐसे काम से दूर रहने की ही सलाह दी जाती है. मगर समाज में फैली ऐसी रूढियों (स्टीरियोटाइप्स) को हर बार महिलाओं ने अपने दम पर तोड़ा है. ऐसी ही एक महिला की कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जिसने पुरुषों का काम समझे जाने वाले स्टंट के काम को अपनाया और इसमें नाम बनाया।
इस जुझारू और साहसी महिला का नाम है रेशमा पठान. बॉलीवुड की पहली स्टंट वुमेन हैं रेशमा. आपको सुपरहिट फ़िल्म शोले तो याद ही होगी. इस फ़िल्म में बसंती का किरदार निभाया था हेमा मालिनी ने. पर्दे पर एक्टिंग तो हेमा ने की थी, लेकिन जितने भी एक्शन सीन थे, वो उनकी बॉडी डबल के तौर पर रेशमा ने ही परफ़ॉर्म किए थे।
रेशमा की राह भी कुछ आसान न थी. ऐसा होना भी था, क्योंकि जब भी महिलाएं मर्दों को चुनौती देती हैं, तो उनका विरोध हुआ ही है. रेशमा ने अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए स्टंट वुमेन बनने का फै़सला लिया था। 14 साल की उम्र में ही उन्होंने फ़िल्मों में स्टंट करने शुरू कर दिए थे. लेकिन उन्हें पहचान 70 के शुरुआती दशक, ख़ासकर फ़िल्म शोले के रिलीज़ होने के बाद मिली. जैसे ही वो डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स के बीच फ़ेमस होने लगीं, दूसरे स्टंट आर्टिस्ट्स ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया था।
रेशमा पठान कहती है, उस समय किसी एक्ट्रेस के एक्शन सीन के लिए बॉडी डबल का नाम मात्र ही इस्तेमाल
होता था. जब मैंने ये शुरू किया, तो दूसरे आर्टिस्टों ने मुझ पर उनकी नौकरी छीनने का आरोप लगाया. 1970-72 में मुझे काम मिलने लगा था, लेकिन ये महीने 10 दिनों से अधिक न होता था. फिर 1975 में शोले के रिलीज़ होने के बाद मैं शोले गर्ल के नाम से फ़ेमस हो गई।
रेशमा Movie Stunt Artists Association की मेंबरशिप पाने वाली पहली स्टंट वुमेन हैं. उन्हें तब अधिक पहचान नहीं मिली लेकिन अब उन पर बायोपिक बन रही है. इसका नाम है 'द शोले गर्ल'. ये एक वेब सीरीज़ होगी, जो ZEE5 पर दिखाई जाएगी. इसमें उनका किरदार निभाएंगी एक्ट्रेस बिदिता बाग. ये फ़िल्म अंतरराष्ट्रीय वीमेन्स डे के मौके पर रिलीज़ होगी.
इस फ़िल्म की शूटिंग के बारे में बात करते हुए एक्ट्रेस बिदिता बाग ने कहा, 'एक स्टंट आर्टिस्ट का काम होता है कि वो अपने डर को भुलाकर सीन को अच्छे से परफ़ॉर्म करें. उन्होंने हमेशा ऐसा ही करने की कोशिश की. एक बार शोले के तांगे वाले सीन में रेश्मा को गंभीर रूप से चोट आ गई थी. सभी उनकी सेहत को लेकर चिंतित थे लेकिन वो अपना सीन पूरा करने के बाद ही हॉस्पिटल गई थी. उस वक़्त सभी ने काम के प्रति उनके लगन की तारीफ़ की थी.' इसी तरह एक बार जब वो प्रेग्नेंट थीं, तब भी उन्होंने कई स्टंट सीन फ़िल्माए थे. जब डॉक्टर्स ने उन्हें ऐसा करने से उनके बच्चे की जान को ख़तरा बताया, तब उन्होंने कुछ दिनों का ब्रेक लिया था लेकिन डिलिवरी के कुछ दिनों बाद ही वो फिर से काम पर वापस लौट आई थीं।
बिदिता ने रेश्मा की बायोपिक के लिए काफ़ी मेहनत की है. रेश्मा जैसी निडर और साहसी स्टंट वुमेन के साथ काम करना उनके लिए बहुत बड़ी बात है. रेश्मा के स्टंट्स को बारीकी से करने के लिए उन्होंने शोले फ़िल्म के एक्शन सीन कई बार देखें हैं।
रेश्मा ने उस दौर की फ़ेमस एक्ट्रेस हेमा मालिनी, मीनाक्षी शेषाद्री, डिंपल कपाड़िया सहित कई अभिनेत्रियों के लिए स्टंट सीन किए हैं. लेकिन उनके काम की तरह ही उनका नाम भी पर्दे के पीछे ही रह गया. द शोले गर्ल के ज़रिये उनकी कहानी पूरी दुनिया के सामने आ रही है. रेशमा आज भी फ़िल्म इंडस्ट्री में सक्रीय हैं और स्टंट के साथ एक्टिंग भी करती हैं. उनकी कहानी बहुत ही सराहनीय है।
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