लाइफस्टाइल डेस्क. प्यारा दिखने के लिए कुत्तों ने सीखा भौहें मटकाना भी सीख लिया है। कुत्तों को पालतू बनाए जाने के करीब 33,000 सालों में इनकी आंखों की मांसपेशियों में खास बदलाव हुए हैं। ऐसा ब्रिटेन की पोर्ट्समाउथ यूनिवर्सिटी की रिसर्च में सामने आया है। शोध के मुताबिक, कुत्ते उस समय ज्यादा भौंहे मटकाते हैं जब लोग उनकी ओर देखते हैं ताकि उन्हें लाड़ किया जाए।
शोध के मुताबिक, हजारों साल पहले कुत्ते को पालतू बनाया गया था। तब से अब तक कुत्तों के चेहरे पर भौहों के अंदरूनी हिस्से में खास तरह की मांसपेशी विकसित हुई है, जो उन्हें दुखी दिखाने में मदद करती है। यह मांसपेशी सभी कुत्तों में पाई जाती है, सिर्फ भेड़ियों और साइबेरियन हस्की डॉग को छोड़कर। साइबेरियन हस्की कुत्तों की सबसे पुरानी प्रजाति है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि कुत्तों की अंदरूनी
बनावट और उनके बर्ताव के आधार पर वे इन नतीजों पर पहुंचे हैं। कुत्ते और भेड़िए एक जैसे ही हैं लेकिन आंखों के ऊपर वह खास मांसपेशी भेड़ियों में नहीं पाई जाती। जब भी कुत्ता किसी दिक्कत से जूझ रहा होता है तो वह इंसान से नजरें मिलाता है, जबकि भेड़ियों में ऐसा नहीं होता।
शोध के मुताबिक- इंसान और कुत्ते दोनों में ऑक्सीटोसिन हार्मोन पाया जाता है। इसे लव हार्मोन कहते हैं। जब इंसान और कुत्ते एक दूसरे को निहारते हैं तो हॉर्मोन रिलीज होता है। ठीक वैसे ही जैसे मां का अपने बच्चे को देखने के चलते प्यार उमड़ता है।
नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, जब कुत्ता इंसान को आकर्षित करना चाहता है तो भौहों को मटकाता है। ऐसा करने पर उसका चेहरा मासूम दिखने लगता है। कई बार ये ऐसा चेहरा भी बनाते हैं जो दिखाता है, ये काफी दुखी हैं।
मानवविज्ञानी एनी बुर्रोव के मुताबिक, कुत्तों का यह बर्ताव उनके मालिकों को उनके बारे में सोचने पर मजबूर करेगा कि उन्हें कब किस चीज की जरूरत है। जानवरों की प्रजातियों में शारीरिक तौर समय के साथ कुछ बदलाव हुए हैं, कुत्तों में भी वैसा ही सामने आया है।
Copyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments