वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के पास बने कारमाइकल लाइब्रेरी भवन गिराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. किराएदारो को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से सोमवार तक जवाब मांगा है. बता दें, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर के पास बने कारमाइकल लाइब्रेरी भवन को गिराने के लिए कहा था. इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से सोमवार तक जवाब मांगा है. बता दें, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर के पास बने कारमाइकल लाइब्रेरी भवन को गिराने के लिए कहा था. इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ता ने अपने याचिका में कहा कि बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर के नवीनीकरण के लिए अगर उनका कारमाइकल
लाइब्रेरी भवन गिराया जाए तो उन्हें या तो सरकार मुआवजा दे या फिर कही और दुकान दिया जाए.
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के विस्तारीकरण के लिए इस लाइब्रेरी भवन को हटाने की योजना थी. श्रीकाशी विश्वनाथ विकास परिषद ने इसे खाली करने का नोटिस दिया था. इस नोटिस के बाद लाइब्रेरी प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी. काशी कॉरिडोर को नया और भव्य आकार देने के लिए सड़क के दोनों ओर विस्तारीकरण का काम हो रहा है. इसमें लाइब्रेरी का भवन आड़े आ रहा था.
करमाइकल लाइब्रेरी बनारस की पहली सार्वजनिक लाइब्रेरी मानी जाती है. इसमें दुर्लभ पुस्तकों और ग्रंथों का संग्रह है. कहा जाता है कि इस लाइब्रेरी में मुंशी प्रेमचंद, भारतेंदु हरिश्चंद्र, आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हजारी प्रसाद द्विवेदी जैसे प्रकांड विद्वानों का जमावड़ा लगता था. मौजूदा समय में इस लाइब्रेरी में एक लाख से ज्यादा पुस्तकें हैं.
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