दिल्ली मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त सफर कराए जाने को लेकर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation) ने प्रस्ताव बनाकर दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) सरकार को सौंप दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, महिलाओं को यह सुविधा देने के लिए डीएमआरसी ने दो तरीकों पर काम किया है। इसमें दूसरा तरीका मुख्यमंत्री को पसंद आया है, इसमें महिलाओं को पिंक टोकन दिया जाएगा। दिल्ली सरकार और डीएमआरसी के बीच यदि इस पर सहमति बनी, तो करीब आठ माह में इस योजना को जमीन पर उतारा जा सकता है।
डीएमआरसी द्वारा सरकार को भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक पहले तरीके में महिलाएं टोकन और कार्ड दोनों ही इस्तेमाल कर पाएंगी। इसके लिए दिल्ली मेट्रो को पूरा सॉफ्टवेयर सिस्टम बदलना पड़ेगा। इसमें एक साल से ज्यादा समय लगेगा। वहीं दूसरा तरीका यह है कि महिलाओं को पिंक टोकन दिया जाए। स्टेशन पर महिलाओं के लिए प्रवेश द्वार अलग होगा।
प्रस्ताव की जानकारी देते हुए दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि डीएमआरसी का दूसरा तरीका ज्यादा ठीक है। इससे महिलाओं के लिए न केवल टोकन काउंटर और वेडिंग मशीन अलग लगी होगी, बल्कि एंट्री गेट भी अलग होंगे। महिलाएं को यह टोकन मुफ्त में दिए जाएंगे। इसके लिए सॉफ्टवेयर में बदलाव करने की भी
जरूरत नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली मेट्रो ने इसे लागू करने के लिए 8 महीने का समय मांगा है। लेकिन सरकार इसे जल्द से जल्द लागू करना चाहती है। इसके लिए डीएमआरसी के अधिकारियों से बात की जाएगी। क्योंकि इसके लिए पिंक टोकन छापने के साथ ही 170 मेट्रो स्टेशनों पर टोकन खिड़की शुरू करनी है। दरअसल इन स्टेशनों पर टोकन खिड़की बंद हो चुकी है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली मेट्रो के मुताबिक 30 फीसद महिलाएं मेट्रो में चलती हैं। योजना शुरू होने पर महिला यात्रियों की संख्या 15 फीसद और बढ़ने की उम्मीद है। इसके लिए दिल्ली सरकार को करीब 1556 करोड़ रुपये देने होंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि डीएमआरसी ने योजना लागू होने के बाद सब्सिडी जारी रखने का सरकार से आश्वासन मांगा है। दरअसल डीएमआरसी की चिंता यह है कि पूरे सॉफ्टवेयर में बदलाव के बाद कहीं दो या तीन साल में दिल्ली सरकार सब्सिडी देना बंद न कर दे और महिलाओं की मुफ्त योजना बंद करनी पड़ जाए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिस तरह सरकार ने बिजली के दाम नहीं बढ़ने दिए, उसी तरह सब्सिडी वापस न लेने का भी आश्वासन देती है। उन्होंने बताया कि इस योजना से मेट्रो का राजस्व भी बढ़ेगा, इसलिए इसमें मेट्रो की किराया निर्धारण समिति को किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
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