साथ ही आग की घटना के बाद बताया जा रहा है कि आग के कारण फर्नीचर का काफी नुकसान हुआ है. हालांकि यह पहला मामला नहीं है जब किसी कोर्ट में आग लगी है. इससे पहले भी अदालत में
आग लगने के मामले सामने आ चुके हैं.
इसी साल मई महीने में बुलंदशहर जनपद के जिला न्यायाधीश के रिकॉर्ड रूम में आग लग गई थी. आग इतनी भीषण थी कि सालों पुराने अदालत के रिकॉर्ड जलकर खाक हो गए.
दिसंबर 2018 में उत्तर प्रदेश के बलिया में भी कोर्ट में आग लगने की घटना सामने आई थी. तब बलिया के दीवानी न्यायालय में आग लग गई थी. इस आग के कारण करीब 3000 से ज्यादा फाइलें आग की चपेट में आकर जल गई. इन कई फाइलें अहम मुकदमों से जुड़ी हुई थी. आग इतनी भयानक थी की 5 दमकल की गाड़ियों को आग पर काबू करने के लिए बुलाना पड़ा.
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