मेडिकल के छात्रों के लिए खुशखबरी, PG पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए NEET परीक्षा नहीं अनिवार्य

पुलिस ने लेवी मांगनेवाले दो अपराधियों को हथियार सहित दबोचा Karauli : श्री महावीर जी में भगवान जिनेन्द्र की निकली रथ यात्रा पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बीच स्थित नहरों का जंक्शन है खास 29 को कल्पना सोरेन गांडेय से करेगी नामांकन बीजापुर के आराध्य देव चिकटराज मेले का हुआ समापन उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन लगातार जारी कांग्रेस प्रत्याशी ने किया नामांकन फॉर्म जमा - झाबुआ रामपुर पहुंचे संजय सिंह, कहा- इंडिया गठबंधन की बनेगी सरकार दंतेवाड़ा 18 नक्सली सरेंडर हमीरपुर में मतदान बढ़ाने का लिया गया संकल्प मऊ में मतदान के लिए दिलाई गई शपथ गर्मियों में बढ़ गई है गैस और अपच की समस्या Dream Girl 3 में अनन्या पांडे नहीं सारा अली खान नजर आएगी Liquor Shop Closed: नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में आज से 26 अप्रैल तक बंद रहेंगे ठेके PM-चुनावी दौरा-प्रदेश मतदाता जागरूकता-प्रदेश पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे यात्रियों को किफायती मूल्य पर भोजन उपलब्ध कराएगा आज का राशिफल पीलीभीत में सड़क सुरक्षा जागरूकता को स्कूलों में दिलाई गई शपथ चुनाव प्रचार समाप्त

मेडिकल के छात्रों के लिए खुशखबरी, PG पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए NEET परीक्षा नहीं अनिवार्य

15-07-2019 15:34:39

एमडी और एमएस पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों के लिए एक बड़ी राहत पहुंचाने वाली खबर है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने प्रस्तावित विधेयक में पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट (एनईईटी) प्रवेश परीक्षा को खत्म करने की सिफारिश की है। मंत्रालय का कहना है कि एमबीबीएस के फाइनल नतीजे ही पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए पर्याप्त होंगे।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस संशोधन को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक के संशोधित मसौदे में शामिल कर लिया गया है, जिसे मंजूरी के लिए जल्द ही कैबिनेट के पास भेजा जाएगा।

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय के निदेर्शो पर विधेयक में इन संशोधनों को शामिल किया गया है।

सूत्रों ने कहा, 'ताजा एनएमसी विधेयक में किए गए बदलाओं के मुताबिक पूरे देश में साझा परीक्षा के रूप में आयोजित नेशनल एक्जिट टेस्ट (एनईएक्सटी) के आधार पर पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिले होंगे। इस तरह एमबीबीएस की फाइनल परीक्षा पास करने के बाद अभ्यर्थियों को पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए कोई दूसरी परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी।'

इसके साथ ही छात्रों को एमबीबीएस की परीक्षा पास करने के बाद प्रैक्टिस करने के लिए भी किसी अन्य परीक्षा में बैठने की जरूरत नहीं होगी।

परंतु, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स
के पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए छात्रों को अलग से प्रवेश परीक्षा देनी होगी। इसके अलावा डीएम/एमसीएच कोर्स में दाखिले के लिए भी नीट सुपर स्पेशियलिटी प्रवेश परीक्षा होती रहेगी।

देश के 480 मेडिकल कॉलेजों में हर साल 80,000 छात्र एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में दाखिला लेते हैं। पीजी की 50,000 सीटें हैं, जिसके लिए हर साल लगभग 1.5 लाख छात्र प्रवेश परीक्षा देते हैं।

एनएमसी विधेयक को 2017 में संसद में पेश किया गया था, लेकिन 16वीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने के साथ ही यह विधेयक भी खत्म हो गया था।

इस विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने पर चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने भारी विरोध किया था, जिसके बाद इसे संबंधित विभाग की संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था। इस विधेयक के जरिए भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) अधिनियम, 1956 के स्थान पर एनएमसी की स्थापना का प्रस्ताव है। इस अधिनियम में वैकल्पिक चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए 'ब्रिज कोर्स' का प्रस्ताव किया गया है, जिसके करने के बाद वो एलोपैथी चिकित्सा में भी प्रैक्टिस कर सकते हैं।

संसद की समिति की सिफारिश पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने 'ब्रिज कोर्स' को विधेयक से हटा दिया था और कुछ अन्य बदलाव भी किए था. 

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :